शनिवार, 19 मई 2012

सिंह हो तो



सिंह हो तो उठो गर्जना करो
और सियार हो, तो कुछ कहना नही है ।
दुष्मन के वार पर पलट वार तो करो
गर कायर हो, तो कुछ करना नही है ।

अपनी संख्या पर गर नाज़ है तुम्हें
उस नाज़ जैसा कुछ तो कर गुजरो
वरना तो कीडे भी जन्मते हैं करोडों
मरना है जो कीडों सा, कुछ कहना नही है ।

जिनके बाजू मे है ताकत और हिम्मत
एक बार जोश से उनकी जयकार तो करो
भरलो स्वयं में उनका ये जज्बा जोश का
कमजोर ही रहना है, तो कुछ कहना नही है ।

घर और पाठशाला बने केंद्र नीति का
राष्ट्र प्रेम से बच्चों को कर दो ओत प्रोत
हर बच्चा बनें एक आदर्श सैनिक भी
सिखाओ ये पाठ कभी डरना नही है ।

समय पडे तो खुद ललकारो दुश्मन को
एक दिन तो हम सबको मरना यहीं है
डिस्को नही, हमको है तांडव की जरूरत
वरना हम जैसों की फिर सजा यही है ।




आशा जोगळेकर

5 टिप्‍पणियां:

  1. जोश से ओत-प्रोत कविता...बेहतरीन प्रस्तुति !!!

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  2. समय पडे तो खुद ललकारो दुश्मन को
    एक दिन तो हम सबको मरना यहीं है
    डिस्को नही, हमको है तांडव की जरूरत
    वरना हम जैसों की फिर सजा यही है ।
    इस यलगार को क्या टिप्पणी करूँ .... !!
    एक नयी उर्जा से भर रही हूँ .... !!

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  3. ऊर्जा का संचार करती सुन्दर रचना।

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  4. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ... आपका आभार

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  5. जिनके बाजू मे है ताकत और हिम्मत
    एक बार जोश से उनकी जयकार तो करो
    बहुत खूब .. उत्साहवर्धक रचना

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